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प्रदेश में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम युवाओं को बना रहा है आत्मनिर्भर

उरई
देश के मा० प्रधानमंत्री जी ने युवाओं को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम आरम्भ किया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना केंद्र सरकार द्वारा देश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गयी है। इस योजना के अंतर्गत देश के बेरोजगार युवाओं को अपना खुद का रोजगार प्रारम्भ करने के लिए निर्माण क्षेत्र में अधिकतम 50 लाख रूपये तक एवं सेवा क्षेत्र / व्यापार के चिन्हित तथा चयनित क्षेत्र के लिए अधिकतम रू० 20 लाख तक की लागत की परियोजनाओं की स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध कराते हुए युवाओं को रोजगार से जोडा जा रहा है। इस योजना का लाभ प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवा उठा सकते हैं। पीएमईजीपी योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को लोन देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु केन्द्र सरकार विशेष बल दे रही है।
इस योजना के तहत प्रदेश के जो इच्छुक लाभार्थी अपना रोजगार आरम्भ करने के लिए लोन प्राप्त करना चाहते है तो उन्हें पी०एम०ई०जी०पी० ऋण स्कीम के तहत आवेदन करना होगा। तभी वह इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत आवेदन करने की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। वह अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते है। सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत किसी भी संस्थान को पीएमईजीपी के तहत सहायता के लिए पात्र माना जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति पी०एम०ई०जी०पी० योजना के तहत लोन लेते है तो उसे उसी वर्ग के अनुसार लोन की राशि पर सब्सिडी भी दी जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर के युवाओं को गैर कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उपक्रमों की स्थापना के जरिए रोजगार के अवसर प्रदान कराना है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का उद्देश्य है कि प्रदेश के युवा नौकरी करने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बने। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत उन सभी बेरोजगार नागरिकों को ऋण प्रदान किया जाएगा जो अपना रोजगार स्थापित करना चाहते हैं। इससे बेरोजगारी दर में गिरावट आएगी तथा युवा आत्मनिर्भर बनेंगे। इस योजना के तहत युवाओं को उनके वर्ग और इलाकों के अनुसार सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। इस योजना से लाभान्वित होने के लिए नोडल एजेंसी जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी), खादी ग्रामोद्योग बोर्ड (केवीआईसी) एवं खादी और ग्रामोद्योग आयोग विभाग से संपर्क किया जा सकता है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आनॅलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के समय आवेदक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, जाति व निवास प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यता, मोबाइल नं०, पासपोर्ट साइज का फोटो आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होता है।
पी०एम०ई०जी०पी० स्कीम के अन्तर्गत-वन आधरित उद्योग, खनिज आधारित उद्योग, खाद्य उद्योग, कृषि आधारित इंजीनियरिंग, रसायन आधारित उद्योग, वस्त्रोद्योग ( खादी को छोड़कर), सेवा उद्योग एवं गैर परम्परागत ऊर्जा आदि उद्योगों की स्थापना किया जा सकता है। इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक कुल 30659 लाभार्थियों / इकाईयों को रू० 944.18 करोड़ मार्जिन मनी वितरित की गई। इसके माध्यम से 307937 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा अनुदानित एवं उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित योजना के अंतर्गत रू० 50 लाख तक की परियोजनाओं हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के उद्यमियों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। परियोजना लागत के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य पुरुष को 25 प्रतिशत व महिला एवं आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों को 35 प्रतिशत का ऋण एवं शहरी क्षेत्र के उद्यमियों को क्रमशः 15 एवं 25 प्रतिशत का मार्जिन मनी अनुदान की धनराशि उपलब्ध कराई जाती है, जो इकाई के सफलतापूर्वक 03 वर्ष संचालित रहने पर छूट में परिवर्तित हो जाती है। नीरज श्रीवास्तव पत्रकार बोहदपुरा

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