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मोंठ में दूध में मिलावट का धंधा चरम पर, जिम्मेदार बने मौन दर्शक

मोंठ में दूध में मिलावट का धंधा चरम पर, जिम्मेदार बने मौन दर्शक

मोंठ। नगर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में दूध में मिलावट का धंधा इन दिनों खुलेआम फल-फूल रहा है। गली-गली में नई-नई दूध डेयरियां खुल गई हैं और कई बाइक सवार ग्रामीण क्षेत्रों से दूध लाकर कस्बे में खुलेआम बेच रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि डेयरियों पर दूध 80 से 90 रुपये प्रति लीटर खरीदा जा रहा है, जबकि वही दूध शहर में 60 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह सस्ता दूध कहां से और किस क्वालिटी का आ रहा है?

जानकारी के अनुसार कई असामाजिक तत्व पानी, सिंथेटिक पदार्थ और केमिकल मिलाकर दूध तैयार कर रहे हैं। यह मिलावटी दूध देखने में तो असली जैसा लगता है, परंतु स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह दूध बीमारियों का कारण बन रहा है। कई लोगों ने शिकायत की है कि इस तरह का दूध पीने के बाद पेट दर्द, उल्टी और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

नगर में दूध की शुद्धता की जांच करने वाला कोई सख्त तंत्र सक्रिय नहीं है। खाद्य विभाग की टीमों द्वारा न तो सैंपल लिए जा रहे हैं और न ही किसी पर कार्रवाई हो रही है। जिम्मेदार विभागों की चुप्पी ने मिलावटखोरों के हौसले बुलंद कर दिए हैं।

स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित डेयरियों की जांच कराई जाए, संदिग्ध दूध विक्रेताओं के सैंपल लेकर प्रयोगशाला भेजे जाएं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यदि समय रहते रोक नहीं लगी, तो आने वाले समय में लोगों के स्वास्थ्य पर इसका गंभीर असर देखने को मिलेगा।

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