जालौन 1 अक्टूबर ।नगर की 173 वर्ष पुरानी रामलीला महोत्सव के साथ रावण पुतला दहन कार्यक्रम गंगा जमुनी तहजीब का द्योतक है।नगर में लगभग 70 वर्ष से मुस्लिम परिवार रावण का पुतला तैयार करता है।पहले बाबा तैयार करते थे अब उनकी नाती तैयार कर रहा है। 45 फुट ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण एक सप्ताह से चल रहा है तथा उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
नगर में दशहरा के दिन रावण पुतला दहन का आयोजन लगभग 70 वर्ष पुराना बताया जाता है। पहले जनसहयोग से रावण तैयार किया जाता है।इसके बाद नगर के सर्राफा व्यवसायी प्रभात महेश्वरी के सहयोग से हुआ। वर्ष 2008 में रामलीला समिति ने रावण दहन के कार्यक्रम को अपने अधीन कर नयी समिति दशहरा मेला समिति का गठन कर दिया। दशहरा मेला समिति के गठन के बाद 2008 से रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित करने लगा।नगर में होने वाले पुतला दहन के लिए रावण के पुतले का निर्माण मुरलीमनोहर निवासी कासिम चच्चा करते थे। उनके बाद उनका बेटा सलीम ने काम किया अब उनका नाती सोनू आतिशबाज रावण के पुतले का निर्माण कर रहे हैं। 2023 से पुतला का निर्माण सोनू कर रहा है। सोनू पुतले का निर्माण स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज परिसर में कर रहे हैं। लगभग 70 हजार की लागत से बन रहे रावण की ऊंचाई 45 फुट होगी ।रावण दहन कार्यक्रम को आकर्षण का केंद्र बने इसलिए इसमें ऐसी बारूद का प्रयोग किया जा रहा है जो देर तक चलेगी तथा देखने में खुबसूरत होगी। बारूद में आग लगने के बाद आकाश में बनने वाली आकृतियां दृश्य मन मोहक होगें।दशहरा मेला आयोजन स्थल में 2024 में जलभराव होने के कारण रावण पुतला दहन नहीं हो सका है। इस वर्ष हर हाल में पुतला दहन कराया जायेगा। रामलीला समिति के अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी ने बताया कि अब चाहे मौसम अच्छा हो या खराब हर हाल में रावण पुतला दहन का कार्यक्रम का आयोजन श्री बाराही देवी मेला एवं विकास प्रदर्शनी मेला परिसर में कराया जायेगा। नीरज श्रीवास्तव पत्रकार बोहदपुरा