झांसी। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा एवं जिला सलाहकार समिति की बैठक में जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने बैंकों की कार्यशैली पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा सरकारी योजनाओं के आवेदन लंबित रखना शासन की मंशा के विपरीत है। बैंक अधिकारियों को आमजन, किसानों और युवाओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग देना होगा।
जिलाधिकारी ने पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक सहित कई बैंकों के 50% से कम सीडी रेशियो पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण वितरण पर विशेष फोकस करते हुए कैंप आयोजित किए जाएं। जिन बैंकों का सीडी रेशियो कम है, उनकी प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत प्राप्त 1520 आवेदनों पर कार्रवाई न होने पर जिलाधिकारी ने बैंकर्स की क्लास लगाई। इनमें एसबीआई (685), पीएनबी (399), एचडीएफसी (52), यूपी ग्रामीण बैंक (70) सहित कई बैंक शामिल हैं। उन्होंने लंबित आवेदनों को तत्काल स्वीकृत कर वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
स्वयं सहायता समूह कैश क्रेडिट लिंकेज के 2710 आवेदनों में से 825 लंबित पाए गए। इनमें सर्वाधिक प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक (416) और पीएनबी (257) शामिल हैं। जिलाधिकारी ने ब्लॉक स्तर पर कैंप लगाकर लंबित मामलों के निस्तारण के आदेश दिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं के निरस्तीकरण की वास्तविक वजह लाभार्थियों को बताना जरूरी है, अन्यथा यह माना जाएगा कि बैंक अधिकारियों ने कार्य में रुचि नहीं ली। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए बैंक ऋण वितरण में तेजी लाएं।
बैठक में सीडीओ जुनैद अहमद, एलडीओ आरबीआई विशाल यादव, अग्रणी बैंक प्रबंधक अजय कुमार शर्मा सहित विभिन्न विभागों व बैंकों के अधिकारी मौजूद रहे।