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ओरछा में 233 करोड़ की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, कार्रवाई न होने पर विरोध की चेतावनी


बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने आयुक्त सागर को सौंपा ज्ञापन, दोषियों पर FIR दर्ज करने की मांग

ओरछा (निवाड़ी)। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने ओरछा की 186.508 हेक्टेयर सरकारी भूमि, जिसकी कीमत लगभग 233 करोड़ रुपये बताई जा रही है, पर हुए अवैध कब्जे और दस्तावेजों में हेराफेरी का मुद्दा उठाते हुए आयुक्त सागर को ज्ञापन सौंपा।

मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि यह प्रकरण अपर आयुक्त के संज्ञान में आने के बाद जांच कराई गई थी। जांच के आधार पर 24 जुलाई 2025 को आदेश जारी कर जमीन को वापस ‘सरकारी’ दर्ज करने और चिन्हित भूमि का कब्जा लेने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही, दोषी अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ 15 दिन में FIR दर्ज कर रिपोर्ट तलब की गई थी।

आदेश के बाद भी कार्रवाई अधूरी

मोर्चा ने आरोप लगाया कि निवाड़ी एसडीएम ने जमीन को ‘सरकारी’ तो दर्ज कर दिया है, लेकिन दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को अब तक चिन्हित नहीं किया गया और न ही अवैध कब्जा हटाया गया। आदेश का पालन निर्धारित समय सीमा के बाद भी नहीं हुआ है।

“रामराजा सरकार की नगरी में अवैध कब्जा अस्वीकार्य”

मोर्चा का कहना है कि भगवान राम की नगरी ओरछा की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा बुंदेलखंड वासी बर्दाश्त नहीं करेंगे। मांग की गई है कि एक सप्ताह के भीतर चिन्हित भूमि का भौतिक कब्जा लेकर दोषियों पर सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज की जाए। ऐसा न होने पर मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन और उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।

स्मार्ट मीटर लगाने का भी विरोध

ज्ञापन में यह मांग भी की गई कि बुंदेलखंड क्षेत्र में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर रोक लगाई जाए। मोर्चा का कहना है कि यह क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़ा है और महंगी बिजली लेना यहां के उपभोक्ताओं के लिए कठिन है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की इच्छा पर होना चाहिए, इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता।

प्रतिनिधिमंडल में ये लोग रहे शामिल

ज्ञापन सौंपने वालों में रघुराज शर्मा, रजनीश श्रीवास्तव, अंकलेश्वर दुबे, अन्नी दुबे, विवेक तिवारी, जगदीश तिवारी और प्रदीप झा सहित कई लोग मौजूद रहे।


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