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मोंठ ट्रॉमा सेंटर में एंबुलेंस के लिए कॉलर आईडी का इंतजार, गंभीर मरीजों की जान पर बन आती।

मोंठ ट्रॉमा सेंटर में एंबुलेंस के लिए कॉलर आईडी का इंतजार, गंभीर मरीजों की जान पर बन आती

मोंठ = मोंठ ट्रॉमा सेंटर में घायल और गंभीर मरीजों को एंबुलेंस सेवा पाने के लिए भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को एंबुलेंस सेवा लेने से पहले कॉलर आईडी की प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिससे समय बर्बाद होता है और कई बार यह देरी जानलेवा साबित होती है। ट्रॉमा सेंटर में आने वाले गंभीर मरीजों के परिजनों का कहना है कि जब मरीज को तुरंत बड़े अस्पताल रेफर किया जाता है, तब भी एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर कॉल करने पर कॉलर आईडी सत्यापन की प्रक्रिया में कीमती समय निकल जाता है। इस देरी के कारण मरीजों को निजी वाहनों से भेजना पड़ता है, जिससे इलाज में देरी और जान का खतरा बढ़ जाता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार तो एंबुलेंस नहीं मिलती और मरीज दम तोड़ देता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बताया कि कुछ दिन पहले उनके एक परिचित दुर्घटना में घायल हो गए थे, लेकिन कॉलर आईडी सत्यापन के चलते करीब 20 मिनट तक एंबुलेंस नहीं मिली। मजबूरी में उन्हें निजी वाहन से भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस अव्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य विभाग और शासन से प्रक्रिया को सरल करने की मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर पर एक स्थायी एंबुलेंस तैनात होनी चाहिए जो तुरंत उपलब्ध हो सके। वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस चालकों का कहना है कि बिना आईडी के वह जा नहीं सकते हैं। आईडी नंबर उनके साफ्टवेयर में डालना पड़ता है। पूरा सिस्टम लखनऊ से ऑनलाइन चलता है। इसलिए बे भी मजबूर है, बिना आईडी के जा नहीं सकते हैं।

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