मोठ (झाँसी)। मंगलवार को नवीन तहसील परिसर में शिक्षा प्रेरकों की तहसील स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह ने की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2011 से 2018 तक शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी। इन प्रेरकों ने लोक शिक्षा केंद्रों पर लगातार अपनी सेवाएं दीं और ग्राम स्तर पर साक्षरता का प्रचार-प्रसार किया।
लोकेंद्र सिंह ने बताया कि उस समय शिक्षा प्रेरकों को मात्र 2000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था, जो बेहद अल्प था। बावजूद इसके सभी प्रेरकों ने समर्पित भाव से कार्य किया। लेकिन आज तक 40 माह का मानदेय बकाया है, जिससे प्रेरकों में गहरा रोष है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार तहसील स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
बैठक में उपस्थित प्रेरकों ने सरकार से मांग की कि शीघ्र ही उनका बकाया मानदेय दिलाया जाए, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
बैठक में प्रमुख रूप से कृष्ण बिहारी, किरण गुप्ता, उमाशंकर राजपूत, राम प्रकाश गौतम, पुष्पा समाधिया, रजनी प्रजापति, संगीता, निर्मल, नंदकिशोर, वीरेंद्र सिंह, सुरेश, सुशील दुबे, राजेंद्र बुंदेला सहित कई शिक्षा प्रेरक उपस्थित रहे। बैठक के अंत में सर्वसम्मति से मांग पत्र तैयार कर संबंधित अधिकारियों को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया।
मोंठ से आनंद पाठक की रिपोर्ट