हर घर नल योजना मोठ ब्लॉक के गाँवों में अधर में लटकी, ग्रामीणों में नाराजगी
“अनुज दुबे “
समथर-सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हर घर नल से जल” का उद्देश्य ग्रामीण भारत के हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुँचाना है, लेकिन झाँसी जिले के मोठ ब्लॉक के कई गाँवों में यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। योजना की शुरुआत बड़े जोश के साथ की गई थी, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
मोठ ब्लॉक के ग्राम पिरोना, बुडेरा, छेबटा साकिन बुडेरी,सहित कई अन्य गाँवों में योजना के तहत टंकियाँ तो बननी शुरू हुईं, लेकिन अधिकतर निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं। जबकि कुछ गाँवों में टंकी अधूरी बनी और नल कनेक्शन कर दिए गए। परिणामस्वरूप, बिना जलापूर्ति शुरू हुए ही नल और पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पाइपलाइनें कई स्थानों पर टूटी पड़ी हैं और कहीं नल उखड़ चुके हैं। इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
ग्रामवासियों का कहना है कि योजना के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। कई जगह पाइप डालने के बाद गड्ढों को ढंग से नहीं भरा गया, जिससे लोगों को आवाजाही में भी परेशानी हो रही है। निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी से सरकारी पैसे की बर्बादी हो रही है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पाइपलाइन मे मिट्टी भर चुकी है और कई जगह तो नल लगने के बाद एक बार भी पानी नहीं आया।
स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से शिकायतें भी की हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पाया है। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजना की मूल भावना पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि काम में तेजी लाई जाए और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि योजना का लाभ वास्तव में आमजन तक पहुँच सके।
सरकार की मंशा तो साफ है, लेकिन स्थानीय स्तर पर लापरवाही और अनदेखी के कारण “हर घर नल योजना” का सपना अभी अधूरा ही दिख रहा है।
रिपोर्टर अनुज दुबे समथर