जालौन। द्वारिकाधीश मंदिर परिसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के समापन पर कथा व्यास पंडित अनुराग चंसौलिया ने सुदामा चरित की कथा का रसास्वादन कराया। सुदामा चरित्र के माध्यम से बताया कि जीवन में कितनी भी विपत्ति आ जाए भगवान का आश्रय नहीं छोड़ना चाहिए।
नगर के द्वारिकाधीश मंदिर पर आयोजित श्रीमदभागवत कथा के समापन पर भगवताचार्य पंडित अनुराग चंसौलिया ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाई और लोगों से गोपालन की अपील की। उन्होंने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। उन्होंने सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तो को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है। बताया कि सुदामाजी ने जीवन में किसी से कुछ नहीं मांगा। भगवान श्रीकृष्ण ने भी बिना याचना के गरीब सुदामा का उद्धार किया। मित्रता निभाते हुए सुदामा की स्थिति को सुधारा। अंत में उन्होंने बताया कि मनुष्य का जीवन कई योनियों के बाद मिलता है। इसे यूं ही बर्बाद न करें। उन्होंने भक्तों से गोसेवा व गोपालन करने पर भी जोर दिया। कथा समापन पर प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर परीक्षित त्रिवेणी, दयाशंकर कश्यप, सुनीता, रविंद्र सिंह राजावत, अर्चना खन्ना, भावना अरोड़ा, नविता खन्ना, युवराज सिंह, सुरेश हूंका, अमित सोनी, हर्षवर्धन, अंकुर, सीताराम, सिद्धार्थ, विनीता, आराधना, विवेचना, संगीता, शशिलता आदि भक्त मौजूद रहे। नीरज श्रीवास्तव पत्रकार बोहदपुरा
