ललितपुर ___ललितपुर रेलवे स्टेशन के बाहर दीवार पर बनी धार्मिक पेंटिंग पर लघुशंका करने वाला मुख्य आरक्षी निलंबित हो गया है और उसके खिलाफ पुलिस अधीक्षक ने जांच बैठा दी है। वहीं रेलवे ने हिंदू संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद धाार्मिक पेंटिंग वाली दीवार को पुतवा दिया है।
रेलवे स्टेशन के बाहर सर्कुलेटिंग एरिया में पुराने वाहन स्टैंड की दीवार पर सुंदरीकरण और गंदगी फैलाने से रोकने के उद्देश्य से धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों की पेंटिंग बनाई गई थीं, जिस पर कुछ दिनों तो लोगों ने पेंटिंग की मर्यादा रखी, लेकिन वहां लोगों ने फिर से गंदगी फैलाना और लघुशंका करना शुरू कर दिया।
इसके लिए यहां रेलवे कर्मचारियों व जीआरपी ने भी कई बार लोगों को समझाया भी और कई बार फटकारकर भी भगाया, लेकिन कुछ ओछी मानसिकता के लोग रोजाना धार्मिक पेंटिंग बनी दीवार पर ही गंदगी फेकने और लघुशंका करने से बाज नहीं आए।
यहां तक कि बीते रोजा मंगलवार की रात को पुलिस लाइन में तैनात मुख्य आरक्षी भी अपनी मर्यादा को लांघते हुए धार्मिक पेंटिंग बनी दीवार पर लघुशंका करने लगा। किसी ने इसकी वीडियो बना ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी।
इसकी जानकारी लगते हुए हिंदू संगठगों के लोग और स्थानीय लोग वहां पहुंच गए और प्रदर्शन शुरू करते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे। जानकारी मिलने पर सीओ सदर अजय कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनुराग अवस्थी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझाते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया।
वहीं जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक मो.मुस्ताक ने आरोपी मुख्य आरक्षी रमेश चंद्र को तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रेलवे के मंडलीय अधिकारियों से मोबाइल पर वार्ता की और घटना की जानकारी दी।
जिस पर मंडलीय अधिकारियों ने अगले दिन बुधवार को दोपहर तक दीवार पुतवाने का आश्वासन दिया, जिस पर संगठनों के लोगों ने देर रात प्रदर्शन समाप्त किया। इसके बाद अब रेलवे ने बुधवार को सुबह दस बजे से उक्त दीवार पर बनी धार्मिक पेंटिंग की पुताई करवा दी है और वहां सफाई भी करवा दी गई है।
हिंदू संगठनों ने दी थी प्रदर्शन की चेतावनी
मुख्य आरक्षी के लघुशंका करने के मामले में हिंदू संगठनों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए रेलवे द्वारा दीवार की पुताई नहीं करवाने पर रेलवे स्टेशन पर एकजुट होने का आह्वान करते हुए सुबह दस बजे से प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, लेकिन अब रेलवे ने दीवार की पुताई करवा दी, जिसके बाद संगठनों ने वहां प्रदर्शन नहीं किया।