मोंठ तहसील में लेखपाल संघ का धरना प्रदर्शन, 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा
मोंठ–मोंठ तहसील में शनिवार को लेखपाल संघ ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। आठ प्रमुख मुद्दों को लेकर नाराज लेखपालों ने तहसील परिसर में एकत्र होकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया और एसडीएम मोंठ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
धरने में शामिल लेखपालों ने कहा कि वर्षों से लंबित उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार न होने के कारण कार्यदक्षता प्रभावित हो रही है। संघ ने प्रारम्भिक वेतनमान उच्चीकरण, पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि, एसीपी विसंगति का समाधान, विभिन्न भत्तों में वृद्धि, पदनाम परिवर्तन, अंतर-मंडलीय स्थानांतरण नीति लागू करने, पेंशन विसंगति समाप्त करने तथा रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करने की मांग उठाई। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगों पर ठोस कदम न उठाए जाने पर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।
तहसील अध्यक्ष लेखपाल सुरेन्द्र प्रजापति ने बताया कि झांसी जनपद में लेखपालों के कुल 359 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से सिर्फ 249 पदों पर ही लेखपाल कार्यरत हैं। शेष पद वर्षों से रिक्त पड़े हुए हैं, जिससे कार्यभार बेहद बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यों, फील्ड निरीक्षण, सर्वेक्षण, भूमि संबंधी विवादों, ऋण मोचन, किसान सहायता योजनाओं, और पराली प्रबंधन जैसे कार्यों में लेखपालों को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन स्टाफ की भारी कमी होने के कारण समय पर काम पूरा करना चुनौती बनता जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि लेखपालों को आज भी यात्रा भत्ता साइकिल के मानक के अनुसार मिलता है, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल भिन्न है। लगभग हर लेखपाल अपने क्षेत्र के दूरदराज गांवों तक पहुंचने के लिए बाइक का उपयोग करता है, जिस पर महिने में 1500 रुपये से अधिक का खर्च आता है। इसके बावजूद भत्ता पुराने नियमों के अनुसार ही मिलता है। पराली प्रबंधन के दौरान तो फील्ड में लगातार दौड़-भाग बढ़ जाती है और यह समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है।
प्रदर्शन में शामिल लेखपालों ने कहा कि वेतनमान और भत्तों की विसंगतियों के कारण इस महत्वपूर्ण राजस्व पद पर युवा अभ्यर्थियों की रुचि लगातार घट रही है, जिससे रिक्त पद बढ़ते जा रहे हैं। संघ ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता देकर शीघ्र पूरा किया जाए, ताकि राजस्व कार्य सुचारू रूप से हो सके और मौजूदा लेखपालों के कार्यभार में कमी आए।
धरने के दौरान लेखपालों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी समस्याएँ रखीं और उम्मीद जताई कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। एसडीएम मोंठ ने आश्वासन दिया कि ज्ञापन को शासन स्तर तक भेजा जाएगा और निर्धारित प्रक्रिया के तहत समाधान हेतु आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान जगदीश सिंह, मदनमोहन सोनी, सनी रायकवार, कौशल किशोर, सचिन अग्रवाल, आरती राजपूत, सना इकबाल, चन्द्र पाल सिंह, श्रृष्टि सेन, आरती, रजत मिश्रा,आजाद अली, हसेन्द्र, हिमांशु बौद्ध समेत दर्जनों लेखपाल मौजूद रहे।
