बुंदेलखंड राज्य निर्माण का वचन पूरा नहीं, आगामी चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेगा – बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से भेंट किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि बुंदेलखंड राज्य निर्माण का संघर्ष लंबे समय से जारी है। वर्ष 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और उमा भारती ने भगवान राम व डॉ. भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर बुंदेलखंड की जनता से वादा किया था कि तीन साल के भीतर राज्य का गठन कर दिया जाएगा। लेकिन तीन साल के वचन के स्थान पर ग्यारह साल तीन माह बीत चुके हैं, और अब तक कार्रवाई भी प्रारंभ नहीं हुई है।
ज्ञापन में कहा गया कि एक ओर सरकार छोटे राज्यों की पक्षधर होने की बात करती है, वहीं सत्ता दल के सांसद, विधायक और पदाधिकारी राज्य निर्माण के मुद्दे पर आवाज उठाने से कतरा रहे हैं। इससे जनता में इनके खिलाफ माहौल बनता जा रहा है, जो सरकार के लिए घातक साबित हो सकता है।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने शीघ्र राज्य निर्माण की कार्रवाई शुरू नहीं की और सत्ता दल के नेताओं को इसके समर्थन में सक्रिय नहीं किया, तो मोर्चा जनता के साथ उनका विरोध करने को बाध्य होगा।
ज्ञापन में मांग की गई कि उत्तर प्रदेश के झांसी, बांदा, जालौन, महोबा, ललितपुर, हमीरपुर, चित्रकूटधाम और मध्य प्रदेश के सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया, दमोह, निवाड़ी, पन्ना जिले, तथा तहसील लहार, पिछोर, करैरा, चंदेरी, गंजबासौदा, कटनी और चित्रकूट को मिलाकर अखंड बुंदेलखंड राज्य का गठन शीघ्र किया जाए, अन्यथा आगामी चुनाव में विरोध का सामना करना पड़ेगा।
ज्ञापन भेंट करने वालों में रघुराज शर्मा, उत्कर्ष साहू, कुंवर बहादुर आदिम, गिरजा शंकर राय, प्रदीप नाथ झा, हनीफ खान, ब्रजेश राय, रसीद कुरैशी, विकास पुरी, गोलू ठाकुर, अरुण रायकवार, प्रेम सपेरे, कलाम कुरैशी, कुलवंत सिंह खालसा, अनिल कश्यप, राजेश लोहिया, चौधरी राहत कुरैशी, शाहजहां बेगम, चौधरी महमूद कुरैशी, बॉबी, चंद्रकुमार, प्रभुदयाल कुशवाहा आदि शामिल रहे।