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फिर से चर्चा में आया दिल्ली का लक्ष्मीबाई कॉलेज, गोबर के पेंट से चमचमा रहीं प्रिंसिपल ऑफिस की दीवारें

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में कुछ समय पहले क्लास की दीवारों पर गोबर के लेप के मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी। अब इसी कॉलेज में एक नया मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर से इस कॉलेज को चर्चा में ला दिया है। जिस गोबर के दीवार पर किए गए लेप का विरोध करते हुए कॉलेज प्रशासन पर सवाल उठाए गए थे, उसी कॉलेज में प्रिंसिपल ऑफिस की दीवारों को गोबर के पेंट से चमकाया गया है। देखने वाला शख्स इस बात का अनुमान भी नहीं लगा सकता कि यह पेंट गाय के गोबर से तैयार किया गया है। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि जिन लोगों ने गाय के गोबर को लेकर विवाद खड़ा किया था, उन्हें गोबर के इस चमकदार ईको फ्रेंडली और ईको ग्रीन पेंट की चमक देखनी चाहिए।

दरअसल कॉलेज की प्रिंसिपल ने कुछ समय पूर्व एक क्लासरूम की दीवारों पर गाय के गोबर का लेप करवाया था। शुरुआत में इसे एक वैज्ञानिक प्रयोग बताया गया, जिसमें देखा जाना था कि गोबर से कमरे के तापमान और पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है लेकिन कुछ छात्रों को ये बात पसंद नहीं आई। छात्र संघ अध्यक्ष रौनक खत्री के नेतृत्व में छात्रों ने प्रिंसिपल के ऑफिस में गोबर फेंककर विरोध दर्ज कराया था। इस विवाद के बाद प्रिंसिपल ने सफाई दी थी कि उनका असली उद्देश्य गाय के गोबर से बनी चीज़ों को लेकर जागरूकता फैलाना था।

अब कॉलेज प्रशासन ने प्रिंसिपल ऑफिस की दीवारों को गाय के गोबर से बने पेंट से चमकाया है। इस पेंट को देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह गोबर से तैयार किया गया पेंट है। इस पेंट की कीमत भी अन्य ब्रांडेड पेंट की तुलना में काफी कम है। इस ईको ग्रीन पेंट को नमामि गैया खादी प्राकृतिक पेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की मदद से गौशालाओं में यह पेंट तैयार किया जाता है। इस पहल का मकसद है महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, गौशालाओं को सहयोग देना और पीएम मोदी के लखपति दीदी अभियान को आगे बढ़ाना। नमामि गैया कंपनी की एमडी सपना ने बताया कि इस पेंट की कीमत कम है और इसकी चमक कहीं से भी कम नहीं है। इस गौशालाओं में तैयार किया जा रहा है और इससे बहुत सारी महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।


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