जालौन 23 सितम्बर । नगर की ऐतिहासिक रामलीला के 173 वें मंचन में शिवजी का पिनाक धनुष तोड़कर प्रभु श्रीराम सीता के वर हुए। इस दृश्य को देखकर दर्शक भाव विभोर हो उठे। उधर, धनुष यज्ञ के बाद घंटों तक लक्ष्मण और परशुराम के बीच चुटीले संवाद चलते रहे। जिसका दर्शकों ने जमकर आनंद लिया। रामलीला भवन पर रामलीला का ऐतिहासिक 173 वां मंचन चल रहा है। मंचन के पांचवे दिन धनुष यज्ञ से परशुराम, लक्ष्मण संवाद तक की लीला का मंचन किया गया। जनकपुर में होने वाले स्वयंवर की खबर सुनकर देश विदेश के राजा व राजकुमार आए। धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने से पूर्व रावण जब जनक के दरबार में पहुंचा, तो उसे भगवान राम के दर्शन हुए। श्रीराम के दर्शन होने के बाद रावण ने उनका परिचय लिया और बिना धनुष तोड़े ही लंका लौट गया। इसके बाद सभी राजाओं ने धनुष हिलाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इस पर राजा जनक ने जब शोक प्रकट किया तो गुरु विश्वामित्र ने श्रीराम को धनुष तोड़ने की आज्ञा दी, जिस पर श्रीराम ने शिवजी का धनुष जरा सी कोशिश में ही तोड़ दिया। प्रभु श्रीराम ने जैसे ही भगवान शिवजी का धनुष तोड़ा, जनकदुलारी सीता ने वरमाला श्रीराम के गले में डाल दी। सीता स्वयंवर का